भविष्य में हर तीन में से एक कॉल सेंटर यानी कि करीब 27 फीसदी कॉल सेंटर हमेशा के लिए घर से काम करने (Work From Home) के तरीके को अपना लेंगे. सोमवार को आई एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
नई दिल्ली: भविष्य में हर तीन में से एक कॉल सेंटर यानी कि करीब 27 फीसदी कॉल सेंटर हमेशा के लिए घर से काम करने (Work From Home) के तरीके को अपना लेंगे. सोमवार को आई एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है. ये संकेत महामारी के दौर में काम करने के तरीके में आए बदलाव से निकल कर सामने आए हैं.
जबकि वर्क फ्रॉम होम (WFH) स्ट्रेटजी पर काम करने के दौरान 53 प्रतिशत व्यवसायों ने कॉल सेंटर के एजेंटों की प्रोडक्टिविटी में कमी देखी है.
वर्क फ्रॉम होम के दौरान आईं ये मुश्किलें
क्लाउड कम्युनिकेशन और टेलीफोनी सॉल्यूशंस के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी ओजोनटेल द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, घर से काम करने के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी, टेलिकॉम से जुड़े मुद्दे, प्राइवेसी की कमी, जगह, डेस्कटॉप और लैपटॉप की कमी जैसी व्यावहारिक रुकावटें सामने आईं.
ओजोनटेल के चीफ इनोवेशन ऑफिसर चैतन्य चोककार्डी कहते हैं, 'महामारी ने कॉन्टेक्ट सेंटर्स को अपनी सेवाओं और सेवाएं देने के तरीके पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है. मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत में हमने अपने कई क्लाइंट्स को बिजनेस जारी रखने में मदद करने के लिए उनके एजेंटों को घर से काम करने के दौरान मदद की.'
स्टडी में सामने आया कि लगभग 71 प्रतिशत कॉल सेंटर एजेंटों ने प्रोडक्टिविटी में कमी के पीछे इंटरनेट कनेक्टिविटी को वजह बताया, वहीं 42 फीसदी ने टेलीकॉम से जुड़े मुद्दों को कारण बताया. इसमें यह भी पता चला कि 61 प्रतिशत कॉल सेंटर एजेंट घर से काम करने के तरीके को लेकर शुरुआत में खुश थे लेकिन बाद में उनका मोटिवेशनल लेवल कम हो गया.
फिर भी वर्क फ्रॉम होम को तवज्जो
तमाम चुनौतियों के बावजूद ज्यादातर कंपनियां वर्क फ्रॉम होम को तवज्जो दे रही हैं क्योंकि वे अपने कर्मचारियों के यात्रा करके ऑफिस तक आने और काम करने के जोखिम से वाकिफ हैं. यही वजह है कि 55% कॉल सेंटर अपने एजेंटों को घर से काम करने का विकल्प दे रहे हैं, जबकि 16% कॉलर सेंटर्स तो अपने ऑफिस ही नहीं खोल रहे हैं और घर से काम करने के तरीके को ही अनिवार्य कर रहे हैं.
वहीं कुछ सेंटर ऐसे हैं, जिन्होंने स्थायी तौर पर वर्क फ्रॉम होम मोड पर जाने का फैसला नहीं किया है लेकिन अभी भी इसी मोड पर काम कर रहे हैं. लगभग 38% कॉल सेंटर ने कहा कि वे घर से काम करने के लिए एक ठोस प्रक्रिया बनाएंगे.
चैतन्य कहते हैं, 'यदि कॉल सेंटर वर्क फ्रॉम होम मोड पर ही शिफ्ट हो जाएं तो उससे होने वाले असर को समझने के लिए हमने अपने क्लाइंट्स के अनुभव के साथ-साथ एजेंट की दक्षता को भी जानने की कोशिश की है.'

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