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अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए विदेशी मीडिया में इस तरह से पैठ बना रहा है चीन



वॉशिंगटन: दुनिया के अधिकांश देशों के लिए परेशानी बना चीन (China) अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करता है. विदेशों में भी वह मीडिया के जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने की साजिश रचता रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए अमेरिका (America) ने चीनी पत्रकार और मीडिया कंपनियों के लिए नियमों को कड़ा कर दिया है.      


अमेरिका से संचालित मीडिया कंपनियों को अब अपने कर्मचारियों की पूरी जानकारी सरकार को देनी होगी. साथ ही यह भी बताना होगा कि उन्होंने अमेरिका में कोई संपत्ति खरीदी है या नहीं. वर्तमान में, कम से कम नौ चीनी मीडिया आउटलेट सरकार के रडार पर हैं. वहीं, चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए एसोसिएटेड प्रेस, नेशनल पब्लिक रेडियो, सीबीएस न्यूज और यूनाइटेड प्रेस इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी (Associated Press, the National Public Radio, CBS News,the United Press International News Agency) सहित चीन में संचालित अमेरिकी मीडिया आउटलेट पर कई प्रतिबंध लगाये हैं. इस तरह से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के साथ ही मीडिया वॉर भी तेज हो गई है. 
चीन अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए दुनिया भर में प्रोपेगेंडा मशीन चलाता है. लगभग हर महाद्वीप में उसके द्वारा मीडिया आउटरीच कैंपेन संचालित किया जाता है, जिसके तहत पत्रकारों को चीन की प्रायोजित यात्राओं पर बुलाया जाता है. इसके अलावा, चीनी स्टेट मीडिया जैसे कि शिन्हुआ और सीजीटीएन (Xinhua and CGTN ) मुफ्त में स्टोरी और वीडियो प्रदान करते हैं. साथ ही इनके द्वारा विदेशी मीडिया में भी पेड कंटेंट चलाया जाता है.  








ऐसे फैला रहा दायरा
चीन विदेशों में मीडिया द्वारा परोसे जाने वाले कंटेंट पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए मीडिया कंपनियों को खरीद रहा है या विदेशों में डिजिटल संयुक्त जॉइंट वेंचर स्थापित कर रहा है. लैटिन अमेरिका और यूरोप की तुलना में एशिया-पैसेफिक क्षेत्र और अफ्रीका में चीनी मीडिया की उपस्थिति काफी ज्यादा है. अफ्रीका में चीन का स्टार टाइम्स एक प्रभावशाली सैटेलाइट टेलीविजन चैनल बन गया है. वहीं, हांगकांग में, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट का स्वामित्व अलीबाबा समूह (Alibaba group) के पास है.
कोरोना महामारी के दौरान अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए चीन ने बड़े पैमाने पर मीडिया का इस्तेमाल किया और अब वह इसमें तेजी लाना चाहता है. यही वजह है कि अमेरिका ने चीनी मीडिया कंपनियों के लिए नियम-कानूनों को कड़ा बना दिया है. 

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