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बेंगलुरु में इमारत ढही, 7 की मौत, हादसे में अनाथ हुई बच्ची को सरकार ने लिया गोद banglore 7 people died building collapsed

 प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट सुबह करीब सात बजे हुआ. उन्होंने बताया कि धमाके की जोरदार आवाज सुनाई दी और 20 साल पुरानी इमारत देखते-देखते मलबे में तब्दील हो गई.




बेंगलुरु : शहर के इजीपुरा इलाके के निकट दो मंजिला इमारत के ध्वस्त हो जाने के कारण कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और मलबे में कुछ अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका है. संदेह जताया जा रहा है कि इमारत एक एलपीजी सिलेंडर में विस्फोट के चलते ध्वस्त हुई.
वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट सुबह करीब सात बजे हुआ. उन्होंने बताया कि धमाके की जोरदार आवाज सुनाई दी और 20 साल पुरानी इमारत देखते-देखते मलबे में तब्दील हो गई.
दमकल विभाग एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने मलबे से लोगों के शव बरामद किए. मरने वालों में दो महिलाएं भी शामिल थीं. दो मृतकों की पहचान कलावती (68) और रविचंद्रन (30) के तौर पर हुई है.
पुलिस ने बताया कि मलबे से दो बच्चों को जीवित निकाला गया, जिनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
इससे पहले गृहमंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा है कि इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से पांच लोग इसी बिल्डिंग में रहते थे और एक पड़ोसी था. रेड्डी ने कहा कि बिल्डिंग के ग्राउंड और फर्स्‍ट फ्लोर पर रखे सिलेंडरों में गैस नहीं थी, इसलिए यह संभावना नहीं है कि विस्फोट के कारण इमारत ढही. 


मौके का जायजा लेने पहुंचे कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि इमारत गणेश नामक एक व्यक्ति की थी. उन्होंने बताया कि गणेश ने यह इमारत चार परिवारों को किराये पर दे रखी थी. मंत्री ने बताया, 'दो परिवार भूतल पर रहते थे, जबकि एक परिवार पहली मंजिल पर रहता था. कलावती और रविचंद्रन पहली मंजिल पर रहते थे. इन दोनों की मौत मौके पर ही हो गयी थी, जबकि दो बच्चे हादसे में घायल हो गए थे. हालांकि वे सुरक्षित हैं. निचले तल पर रह रहे परिवारों के सदस्यों के मलबे में फंसे होने की आशंका है'. बेंगलुरु के महापौर आर संपत राज ने बताया कि इमारत में चार परिवार रह रहे थे.
दमकल की कम से कम 40 गाड़ियां और एनडीआरएफ के कर्मचारी बचाव अभियान में जुटे रहे. पुलिस ने बताया कि इमारत में फंसे लोगों को बचाने के लिये मलबा हटा रहे दमकल के तीन कर्मचारियों के ऊपर मलबा गिर जाने के कारण वे घायल हो गए. उन्होंने बताया कि उन्हें उपचार के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया.
वहीं, विकास मंत्री केजे जॉर्ज ने कहा कि मृतकों के परिजनों को पांच लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि वह इस हादसे के बाद बचाई गई बच्‍ची, जिसके माता-पिता की घटना में मौत हो गई है, को गोद लेगी और उसके पालन-पोषण समेत सभी खर्चों का वहन करेगी.


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