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LIVE: आरुषि मर्डर केसः जेल से रिहा होंगे तलवार दंपति, CBI कोर्ट पहुंचे वकील rihaa honge arushi talwar ke parents dasna jail se



नई दिल्लीः आरुषि मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बरी किए गए नूपुर और राजेश तलवार को आज डासना जेल से रिहा किया जा सकता है. डासना जेल के जेलर डी मौर्य ने मीडिया को बताया है कि ''दो दिन की छुट्टी के बाद आज कोर्ट खुला है. संभवत आज तलवार दंपति को रिहाई हो सकती है.'' जेलर ने यह भी बताया कि रिहाई के बाद हर 15 दिन में डासना जेल जाएंगे राजेश और नूपुर तलवार. उन्होंने कहा कि तलवार दंपति ने जेल में रहकर कई कैदियों का इलाज किया. इसलिए इस प्रोसेस को जारी रखने के लिए डॉ.राजेश और नूपुर तलवार ने जेल में अपनी सेवाएं जारी रखेंगे. जेलर ने कहा कि दोनों ने जेल में मुफ्त सेवाएं दी हैं.

ऐसा बताया जा रहा है कि दोपहर तक तलवार दंपति रिहा हो सकते है. तलवार दंपति के वकील सीबीआई कोर्ट पहुंच चुके हैं. वकीलों द्वारा हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी गाजियाबाद में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में जमा की जाएगी. इसके बाद स्पेशल कोर्ट राजेश और नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी करेगी. सीबीआई कोर्ट द्वारा रिहाई के आदेश की कॉपी जब डासना जेल पहुंचेगी तभी दोनों की जेल से रिहाई हो सकेगी.
खबर है कि जेल से रिहा होने के बाद तलवार दंपति सबसे पहले नोएडा के सेक्टर 71 स्थित साईं मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगे. इसके बाद दोनों आरुषि के नाना के घर पर जाएंगे. आरुषि के नाना वीजे चिटनिस ने जी मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि राजेश और नूपुर को देर से सही लेकिन इंसाफ मिला है. मैं बहुत खुश हूं, वो जेल से छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरुषि के लिए न्याय का इंतजार है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गुरुवार (12 अक्टूबर) को तलवार दंपति को ये कहते हुए बरी कर दिया था कि परिस्थितियां और सबूत उन्हें दोषी सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. 
ऐसी भी खबर है कि जेल से रिहा होने के बाद तलवार दंपति नोएडा के जलवायु विहार स्थित अपने घर में नहीं जाएंगे क्योंकि अब वहां कोई और रहता है. तलवार दंपति के जेल जाने के बाद से यह घर किराए पर दे दिया गया है. खबर है कि राजेश और नूपुर तलवार दिल्ली के हौजखास स्थित अपने घर जाएंगे. वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे है कि नूपुर और राजेश तलवार नूपुर के पिता के घर भी जा सकते हैं जो कि जलवायु विहार के पास ही कहीं रहते है. 

क्यों नहीं हो सकी थी रिहाई 
वैसे तो 12 अक्टूबर  कोर्ट के फैसले के बाद दोनों को शुक्रवार को ही रिहा किया जाना था. लेकिन शुक्रवार तक जेल प्रशासन को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं प्राप्त हुई. जिसके बाद शनिवार और रविवार को छुट्टी के चलते दोनों की रिहाई नहीं हो सकी थी. शनिवार 14 अक्टूबर को आरुषि के तलवार दंपति के वकील को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी प्राप्त हुई. जिसके बाद उन्होंने कहा था कि सोमवार को वह इस आदेश की कॉपी डासना जेल प्रशासन को देंगे. 

जेल प्रशासन ने कहा था
गाजियाबाद के डासना जेल के जेलर डी मौर्या ने मीडिया को तलवार दंपति की रिहाई के मामले में जानकारी देते हुए ये बात कही थी कि जब तक कोर्ट का ऑर्डर नहीं आएगा तब तक जेल की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. उन्होंने बताया कि कैदी को जेल से रिहा करने की प्रक्रिया को पूरा करने के दो तरीके हैं. ‘‘ या तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय अपने आदेश की प्रति सीधे जेल अधिकारियों को भेजे या फिर इसे संबद्ध सीबीआई अदालत के जरिए भेजा जाए जिसने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी. ’’
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहीं थी ये बातें
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आरुषि हत्याकांड मामले में 12 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा था, ‘‘इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बाहरी व्यक्ति ने घटना को अंजाम दिया.’’ पीठ ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘तथ्यों और रिकॉर्ड में दर्ज साक्ष्यों को देखकर हम पाते हैं कि न तो परिस्थितियां और न ही साक्ष्य सुसंगत हैं और परिस्थितियां घटना में अपीलकर्ताओं की संलिप्तता को दर्शाने के लिये कड़ियों को पूरा नहीं कर रही हैं.’’

‘‘ऐसी परिस्थिति में जब दो तरह की राय संभव है तो अपीलकर्ताओं को दोषी ठहराने वाला नजरिया अपनाना सही नहीं हो सकता है. कड़ियों को पूरा करने के लिये परिस्थितिजन्य साक्ष्य के अभाव में यह संदेह का लाभ अपीलकर्ताओं को देने का उपयुक्त मामला है.’’
क्या फैसले के खिलाफ जाएगी CBI
सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ की गई अपील पर तलवार दंपति को जीत मिल गई.  सीबीआई ने फिलहाल यह नहीं कहा है कि वह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगी या नहीं. सीबीआई ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद भावी कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी.
आरुषि की हत्या माता-पिता ने नहीं की, तो फिर हत्यारा कौन है?
दंपति डॉ. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. गौरतलब है कि डॉ. तलवार की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में कर दी गई थी. हत्या का शक तलवार दंपति के घरेलू नौकर हेमराज पर जताया गया था, लेकिन हेमराज का शव घर की छत से कुछ दिनों बाद बरामद किया गया. तलवार दंपति के बरी होने के बाद यह राज अभी भी बना हुआ है कि आरुषि और हेमराज का कत्ल किसने किया? 

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