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जयपुर की बेटी बनी मिसाल, कराई विधवा मां की शादी is ladki ne karwai apni vidhwa maa ki shadi



एक बेटी जिसकी खुद की शादी की उम्र है उसने अपनी विधवा मां की दूसरी शादी करवा दी


कई तानेबाने में बुना समाज रिश्तों को लेकर बेहद संवेदनशील होता है. भले ही कहा जाता है कि जमाना बदल गया है इसके बावजूद लोगों की सोच पुरानी रूढ़ियों और परंपराओं से बंधी हुई होती है. ऐसे में ये खबर बेहद ही दिलचस्प लगती है कि एक बेटी जिसकी खुद की शादी की उम्र है उसने अपनी विधवा मां की दूसरी शादी करवा दी. राजस्थान की राजधानी जयपुर की बेटी ने इस अनोखी शादी से जुड़ा फैसला और आयोजन की तस्वीरें सोशल साइट पर शेयर की हैं.







जयपुर की इस बेटी का नाम है संहिता अग्रवाल. संहिता ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है, ‘मैंने सिर्फ पहल की है, आप लोग साथ देंगे तो हमें इस देश के घरों के बाहर वो अकेले बैठे बूढ़े लोग नहीं मिलेंगे जो एक माला फेरते रहते हैं और इस ताक में रहते हैं कि कोई तो उनसे बात करे, कोई तो उनका हाल पूछे. खत्म करना है उस बेबसी को’
दरअसल संहिता के 52 साल के पिता मुकेश गुप्ता की 13 मई 2016 को अचानक मौत हो गई थी. पिता की अचानक मौत से घर पर सदमे का पहाड़ टूट पड़ा. पिता को कोई ऐसी बीमारी भी नहीं थी जिस वजह से उनकी मृत्यु हो जाए. अचानक सिर से पिता का साया उठने से घर में मातम पसरा गया. संहिता अग्रवाल की मां गीता डिप्रेशन में चली गईं. वो रात-रात भर उठकर बेटी से पिता के बारे में पूछती थीं तो घर के बाहर बनी सीढ़ी पर बैठकर पिता का इंतजार करती थीं.
अफसोस और तन्हाई के उस इंतेहाई दौर में संहिता ही अपनी मां को संभालती थी. दरअसल संहिता की बड़ी बहन की शादी के बाद घर में केवल संहिता और मां ही रह गए थे. लेकिन एक दिन संहिता की नौकरी गुरुग्राम में लग गई. जिसके बाद मां घर पर पूरी तरह अकेले रह गईं. अकेलेपन की वजह से बीमार रहने वाली मां रात के वक्त टीवी चलाकर सोती थीं ताकि घर में शोर से किसी के रहने का अहसास हो. संहिता से अपनी मां की हालत देखी नहीं गई. संहिता ने एक क्रांतिकारी फैसला लिया. साल 2016 में संहिता ने मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी मां का प्रोफाइल बना दिया. जिसके बाद उनकी मां के लिए रिश्ते आने लगे.
समाज में अनोखी मिसाल हैं संहिता अग्रवाल
संहिता को एक रिश्ता अपनी मां के लिए अच्छा लगा. 55 साल के गोपाल गुप्ता ने संहिता की मां से शादी के लिए रिश्ता भेजा. लेकिन जब बेटी ने अपनी मां से शादी की बात की तो मां ने शादी के लिए साफ मना कर दिया.
गोपाल गुप्ता रेवेन्यू अधिकारी हैं. उनकी पत्नी की सात साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी. पत्नी की मौत के बाद उन्होंने शादी नहीं की थी. लेकिन इस रिश्ते के बाद उन्होंने भी शादी का मन बनाया था.
संहिता अग्रवाल (फोटो: फेसबुक)
संहिता अग्रवाल (फोटो: फेसबुक)
शादी से इनकार के बावजूद गोपाल गुप्ता संहिता की मां के एक बड़े ऑपरेशन के वक्त अस्पताल में तीमारदारी करते रहे. इसी दरम्यान उनकी निस्वार्थ सेवा से संहिता की मां गीता प्रभावित हुईं और उन्होंने शादी के लिए हामी भर दी. दोनों ने अपने चुनिंदा रिश्तेदारों को बुलाकर आर्यसमाज मंदिर में शादी की. हालांकि बेटी और मां के फैसले का घर के कुछ रिश्तेदारों ने बड़ा विरोध भी किया और शादी में भी शामिल नहीं हुए.
लेकिन संहिता ने अपनी विधवा मां की शादी करवाकर समाज में अनोखी मिसाल कायम कर डाली. संहिता अपनी फेसबुक वॉल पर लिखतीं हैं, ‘मम्मी कहती थीं कि शादी करने की तुम्हारी उम्र है, मेरी क्यों करवा रही हो. तुम्हारी शादी में दिक्कत आएगी बेटा. अब वो देख सकती हैं कि ये समाज बदल चुका है. अब जो करना है वो ये कि इस चीज को नॉर्मल करना है. एक पिता को अगर हमसफर की जरुरत है तो अब वक्त है कि वो खुलकर अपने मन की बात अपने बच्चों के सामने रख सके और वो मां जिसे हमने हमेशा शर्म के आंचल में बंधे देखा है वो कह सके कि मुझे भी जीना है पहले की तरह’. वाकई बेटी हो तो ऐसी. ऐसी ही सार्थक और सकारात्मक पहल से समाज एक दिन जरूर बदलेगा.

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