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सुप्रीम कोर्ट जजों की पीसी: जानिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें press confrence of judge


जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि यह देश तय करेगा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर महाभियोग चलाया जाय या नहीं


स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला मौका था, जब सुप्रीम कोर्ट के चार सिटिंग जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी. जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे. जजों का कहना था कि चीफ जस्टिस 4 सबसे वरिष्ठ जजों की बात भी नहीं सुनते.
जस्टिस चेलमेश्वर के निवास पर हुए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के 4 सबसे वरिष्ठ जज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा को समझाने में नाकाम रहे.
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि हम खुश हो कर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को करने के लिए नहीं आए हैं. सुप्रीम कोर्ट का प्राशासन ठीक से काम नहीं कर रहा है. पिछले कुछ महीनों में जो चीजें नहीं होनी चाहिए थी, वो भी हुई है.
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना लोकतंत्र का अस्तित्व संभव नहीं है. किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता भी जरूरी है. अगर ऐसा नहीं होता है तो लोकतंत्र नहीं बच पाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ मीडिया के सामने नाराजगी जाहिर की है. लेकिन वो कुछ भी खुलकर बोलने से बचते रहे.
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि उनलोगों ने कुछ महीने पहले चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी थी. इनलोगों ने मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात भी की थी. जजों ने पीसी में कहा कि हमने चीफ जस्टिस के सामने कुछ मुद्दे उठाए थे, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
मीडिया के ये पूछे जाने पर कि क्या चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि ये देश को तय करने दें.

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