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सबसे ऊंची स्टैच्यू के बाद भारत में बन रहा है विश्व का सबसे ऊंचा पुल, चीन रह जाएगा पीछे tallest bridge in india

विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज में कई खूबियां होगी. यह ब्रिज 272 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के तूफान को झेल सकता है. विस्फोट का इस पर कोई असर नहीं होगा.

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (182 मीटर) के बाद देश में विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनाया जा रहा है. इस ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर होगी.  यह ब्रिज 1.315 किमी लंबा है. यह एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा होगा. ब्रिज के दोनों किनारे पर स्टेशन होंगे. इस ब्रिज के निर्माण की लागत करीब 1250 करोड़ रुप्यए आने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कोंकण रेलवे की मदद से किया जा रहा है. मई 2019 तक इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद है. 

भारतीय रेल उधमपुर (जम्मू) से श्रीनगर होते हुए बारामूला (श्रीनगर) तक नई रेलवे लाइन बनाई जा रही है. चिनाब ब्रिज इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है. यह ब्रिज जम्मू-कश्मीर में बनाया जा रहा है. यह लाइन इसलिए बनाई जा रही है. बर्फबारी के सीजन में हर समय कनेक्टिविटी देने के लिए यह लाइन बनाई जा रही है. इस ब्रिज की एक खासियत यह है कि इसमें कुल 30 हजार मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल होना है. 
भारतीय रेलवे के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने बताया कि जब ब्रिज का प्लान किया गया था तय यह क्षेत्र पहुंच योग्य नहीं था. 20 किमी दूर तक सड़क नहीं थी. यह इलाका पाकिस्तान बॉर्डर से महज 40 किमी दूर है. भारतीय रेल ने इस ब्रिज को बनाने के लिए दुनिया के सबसे अच्छे डिजाइनर और कंसलटेंट से मदद लेकर डिजाइन किया. 
भूकंप के झटके भी झेल सकेगा ब्रिज 
इस ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 8 रिएक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप के झटकों को भी झेल सकता है. 1300 वर्कर और 300 इंजीनियर चौबीस घंटे इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं ताकि तय समय सीमा में इसका निर्माण किया जा सके. 
यह ब्रिज 272 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के तूफान को झेल सकता है. चूंकि यह ब्रिज पाकिस्तान की सीमा से करीब है. इसलिए इसे सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए इस तरह से डिजाइन किया है कि यदि कोई विस्फोट इस ब्रिज पर या इसके आसपास हो जाता है तो यह सुरक्षित रहेगा. कटरा से बनिहाल रेल लाइन पर 111 किमी खंड में निर्माण कार्य जारी है. इस रेल कॉरीडोर में 90 किमी हिस्से में टनल (सुरंग) है. अब कटरा से श्रीनगर की ओर जाने पर 90 किमी की यात्रा टनल के जरिये होगी. उन टनल के बीच बड़े-बड़े ब्रिज देखने को मिलेंगे. किसी तरह के विस्फोट का असर इन टनल में नहीं होगा. 

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