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अकेलेपन को दूर करने के लिए डॉ. साहब ने दिया अख़बार में इश्तेहार, चाहिए भाई और बेटा Doctor-Gave-Ad-For-Son-And-Brother



अख़बार का काम लोगों तक ख़बरों को पहुंचाना है, पर इसके साथ-साथ वो अपने कुछ पन्नों पर इश्तेहार भी देता रहता है. जिससे लोगों को खबरों के साथ-साथ रोजगार और अन्य चीज़ों की भी जानकारी मिलती रहती है. अख़बार के कुछ ऐसे ही पन्नों में से एक है क्लासीफाइड पेज, जिस पर वर-वधू की तलाश के लिए कई तरह विज्ञापन दिए गए होते हैं.
शायद ही इस पेज पर आये विज्ञापन को कोई पढ़ता हो, पर जब टाइम पास करने की बात हो, तो ये पेज भी किसी चुटकुले से कम नहीं, जहां अजीबो-गरीब चीज़ें देखने को मिल जाती है. हाल ही में कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जिसे पढ़ने के बाद आप भी अपनी हंसी पर काबू नहीं रख पाएंगे.
दरअसल, ख़बरों के मुताबिक एक बैचलर मुस्लिम डॉक्टर ने अपने अकेलेपन को मिटाने के लिए सहारा अख़बार में एक भाई और एक बेटे का विज्ञापन दिया है.

इसके साथ ही उन्होंने कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही कोई उनका भाई और बेटा बन सकता है.

भाई के लिए शर्त

उनके होने वाले भाई की उम्र 35 से 45 वर्ष के आस-पास होनी चाहिए, इसके अलावा उसे शेर-ओ-शायरी का भी शौक होना चाहिए, अगर वह 'गुलज़ार' का फैन हो, तो बहुत ही अच्छा है.
भाई होने के लिए एक शर्त यह भी है कि वो मुस्लिम होने के साथ ही पढ़ा-लिखा होना चाहिए और उसकी नज़र एक कलाकार की तरह चीजों को समझने वाली होनी चाहिए.

बेटा होने के लिए शर्त

उनका बेटा बनने के लिए ऐसे युवक की तलाश है , जिसकी उम्र 25 साल के आस-पास हो और उसकी शादी न हुई हो. वो टेलीविज़न और फिल्मों से दूर रह कर इस्लाम का पालन करने वाला हो. उसकी सोच में कहीं भी पश्चिमी सभ्यता की झलक नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही वो अपने होने वाले बेटे से ये उम्मीद करते हैं कि वो पढ़ाई-लिखाई में अव्वल हो.

अगर आप इन सभी शर्तों को पूरा करते हैं, तो भी आपको एक चरण से और गुजरना पड़ेगा. इच्छुक व्यक्ति को इन सवालों के जवाब भेजने के बाद ही उनका बेटा और भाई बनने का मौका मिलेगा.

आपने जवाब क्यों भेजा?

आपकी क्या उम्मीदें हैं?

आप इस रिश्ते को कैसे बनाएंगे?

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