Header Ads

ताज़ा खबर
recent

प्रद्युम्‍न हत्‍याकांड : नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह केस चलेगा, मामला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को ट्रांसफर praduman case

किशोर न्याय बोर्ड ने बीते 15 दिसंबर को रायन इंटरनेशनल स्कूल परिसर में 7 वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के आरोपी किशोर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.

गुड़गांव के रायन इंटरनेशनल स्‍कूल में हुए सनसनीखेज प्रद्युम्‍न हत्‍याकांड के आरोपी नाबालिग पर बालिग की तरह केस चलेगा. बुधवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने यह अहम फैसला लिया. किशोर न्याय बोर्ड ने इस केस को जिला न्‍यायालय ट्रांसफर कर दिया है, जहां 22 दिसंबर से मामले की सुनवाई की जाएगी. 
दरअसल, किशोर न्याय बोर्ड ने बीते 15 दिसंबर को रायन इंटरनेशनल स्कूल परिसर में 7 वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के आरोपी किशोर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. बोर्ड ने इस मसले पर अपना निर्णय 20 दिसंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था कि उसके खिलाफ मामला एक वयस्क के तौर पर चलाया जाना चाहिए या एक किशोर के तौर पर. बोर्ड ने इससे पहले इस संबंध में एक विशेषज्ञ विचार के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसमें पीजीआई रोहतक के एक मनोचिकित्सक को शामिल किया गया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट दो लिफाफों में सौंपी, जिसे आज अदालत कक्ष में खोला गया. 
न्‍यायपालिका का धन्‍यवाद : वरुण ठाकुर
During subsequent proceedings the convict will be considered as an adult: Sushil Tekriwal, lawyer of Pradyuman's family  pic.twitter.com/MsgxjaDFp8
I thank the judiciary for the decision. We always knew that the journey is long but we will go till the end to get justice for my child and all other children who might be vulnerable: Varun Thakur, father of Pradyuman pic.twitter.com/2tQabBO4E4
View image on Twitter

किशोर न्‍याय बोर्ड के इस फैसले के बाद प्रद्युम्‍न के पिता वरुण ठाकुर ने न्‍यूज एजेंसी ANI से कहा, 'मैं न्‍यायपालिका का धन्‍यवाद करता हूं. हम हमेशा जानते थे कि यह सफर लंबा है, लेकिन हम अंत तक अपने बच्चे और अन्य सभी बच्चों के लिए न्याय हासिल करेंगे, ताकि भविष्‍य में इस तरह के मामले कम से कम हों'.

प्रद्युम्न के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा था कि रिपोर्ट किशोर के व्यवहार, समाजपरक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर आधारित है. उन्होंने कहा था, 'हमने रिपोर्ट देखी है और अपनी दलील दी है'. टेकरीवाल के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी के खिलाफ एक वयस्क के तौर पर व्यवहार होना चाहिए और इसमें कहा गया कि वह एक असामान्य बच्चा है, जिसका व्यक्तित्व अति आक्रामक है. सीबीआई ने दलील दी कि जांच अभी चल रही है और वे अभी भी आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं.
सीबीआई के वकील, ठाकुर के वकील और बचाव पक्ष के वकील के बीच तीन घंटे तक काफी बहस हुई, लेकिन बोर्ड ने अंतत: रिपोर्टों के आधार पर किशोर की जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी. किशोर न्याय बोर्ड ने कहा था कि आरोपी अपने कदमों के परिणामों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व है.
बता दें कि शुरुआत में हरियाणा पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी और उसने प्रद्युम्न की हत्या के लिए स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को मुख्य आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया. सीबीआई ने अपनी जांच में रेयान के ही कक्षा 11वीं के छात्र को मुख्य आरोपी बताते हुए हिरासत में ले लिया था.

No comments:

Powered by Blogger.