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आज धरती पर गिर सकता है चीन का अनियंत्रित स्पेस स्टेशन, मच सकती है बड़ी तबाही! china ka kohram

बीजिंग: चीन की निष्क्रिय हो चुकी अनियंत्रित स्पेस स्टेशन अगले 24 घंटे में पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो खगोलीय आग का गोला बन जाएगा. चीन के अंतरिक्ष प्राधिकरण ने इसकी आशंका जताई है. उधर चीन अंतरिक्ष केंद्र ने दावा किया है कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा. चीनी अंतरिक्ष केंद्र ने एक बयान में कहा कि टियांगोंग-1 के अनियंत्रित ढंग से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने की संभावना है, जो यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के अनुमानों के जैसा ही है. इससे पहले चीनी अधिकारियों ने कहा था कि आठ टन के इस क्राफ्ट के नीचे गिरने से किसी नुकसान की आशंका नहीं है. 

इसके बहुत ही तेज गति से बिखरने पर यह चमकीले आग के गोले में तब्दील हो जाएगा जो उल्का पिंड जैसा दिखेगा. ईएसए ने कहा, ‘‘ यह बहुत ही तीव्र गति से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और विखंडित प्रयोगशाला का मलबा न्यूजीलैंड से लेकर अमेरिकी मिडवेस्ट के बीच कहीं भी गिर सकता है. चाइना मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस ने इससे पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट वी चैट पर कहा, ‘‘ लोगों को चिंता करने की जरुरत नहीं है. ’’

उसमें कहा गया, ‘‘ यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी से नहीं टकराएगा जैसा कि विज्ञान- काल्पनिक फिल्मों में दिखाया जाता है, लेकिन यह चमकीले पदार्थ( लगभग उल्का पिंड जैसा) में तब्दील हो जाएगा और पृथ्वी की तरफ आने के क्रम में यह पूरे आकाश में एक टूटते तारे की तरह घूमते हुए दिखाई देगा.’’
टियांगोंग-1- ‘‘ हैवेनली पैलेस’’ को सितंबर 2011 में कक्ष में स्थापित किया गया था, जो चीन का अपना एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दिशा में अति महत्त्वपूर्ण कदम था. इस स्थिति के लिए लोग सोशल मीडिया पर चीनी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. 
2011 में चीन ने किया था लॉन्च
इस अंतरिक्ष स्टेशन को चीनी अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्‍पेस एडमिनिस्‍ट्रेशन (CNSA) ने 29 सितंबर, 2011 को लॉन्च किया था. इसका वजन 8.5 टन बताया जा रहा है. इसकी लंबाई 10 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर है. यह तियांगोंग प्रोग्राम का हिस्‍सा था और इस प्रोग्राम का पहला सक्रिय हिस्‍सा भी था.
लैब में भरा है केमिकल, खतरनाक होंगे नतीजे!
चीन के इस बेकाबू स्पेस स्टेशन में खतरनाक रसायन भरे हैं. इसलिए आशंका जताई जा रही है कि जब भी यह धरती से टकराएगा तबाही लाएगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्‍वी के वातावरण में प्रवेश करते ही इसका मलबा हजारों किलोमीटर दूर तक फैल सकता है. यह मलबा आबादी क्षेत्रों पर भी गिर सकता है.
2016 में खोया था नियंत्रण
दो साल की अभियान अवधि बढ़ाने के बाद 21 मार्च, 2016 को चीन ने इसकी सेवाएं आधिकारिक रूप से बंद कर दिया था. चीनी स्‍पेस एजेंसी ने तियांगोंग-1 पर से लांचिंग के पांच साल बाद और सेवाएं बंद करने के कुछ महीनों बाद ही नियंत्रण खो दिया था. इसके बाद वैज्ञानिकों ने 2017 के आखिर में इसके धरती के वातावरण में प्रवेश करके जलकर नष्‍ट होने की आंशका जताई थी.

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