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7 अहम मुद्दों की सुनवाई के लिए CJI ने बनाई संवैधानिक पीठ, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले किसी जज का नाम नहीं

पांच न्यायाधीशों की पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। यह संविधान पीठ 18 जनवरी से इन सात महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई शुरू करेगी।

सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के मीडिया में आकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर सवाल उठाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में सुनवाई के लिए 7 अहम मुद्दों का जिक्र है। इन सातों मुद्दों पर सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने  5 जजों की एक संवैधानिक पीठ का गठन किया है। दिलचस्प बात ये है कि पीठ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीजेआई पर गंभीर सवाल उठाने वाले चार जजों में से किसी का भी नाम नहीं है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार पांच न्यायाधीशों की पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। यह संविधान पीठ 18 जनवरी से इन सात महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई शुरू करेगी। पीठ में जस्टिस जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोजफ का नाम नहीं है।
CJI ने बनाई संविधान पीठ, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले किसी जज का नाम नहीं
 
बताया जा रहा है कि पांच न्यायाधीशों की ये पीठ आधार कार्ड कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामले और सहमति से वयस्क समलैंगिकों के बीच यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के फैसले को चुनौती देने से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई करेगी। इसी पीठ ने पिछले साल 10 अक्तूबर से विभिन्न मामलों में सुनवाई की थी। इनमें प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच टकराव का मामला भी है।
ये पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओें के प्रवेश पर रोक के विवादास्पद मुद्दे पर भी सुनवाई करेगी और इस कानूनी सवाल पर सुनवाई फिर शुरू करेगी कि क्या कोई पारसी महिला दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी के बाद अपनी धार्मिक पहचान खो देगी। संविधान पीठ अन्य जिन मामलों को देखेगी उनमें आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे किसी जनप्रतिनिधि के अयोग्य होने से संबंधित सवाल पर याचिकाएं भी हैं।

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